नवरात्री क्यों मनाते है | Navratri kyo manate hai

नवरात्रो का वैज्ञानिक महत्त्व

नवरात्री

नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्र एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातों का समय‘। “यात्रा” शब्द सिद्धि का प्रतिक है | भारतीय मनीषीओने रात्रिको आध्यात्मिक द्रष्टिसें अधिक महत्त्वपूर्ण माना है | इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्तिदेवी की पूजा की जाती है। यदि रात्रिका कोई वैज्ञानिक रहस्य न होता तो ऐसे विशेष उत्सव को रात्रि न कहकर दिवस कहा जाता | नवरात्रि के अलावा अन्य महारात्रियों में होलिका महारात्रि और शिव महारात्रि भी महत्त्वपूर्ण है | नवरात्र उत्सव देवी अंबा (विद्युत) का प्रतिनिधित्व है। वसंत की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। ये दो समय मे मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माना जाता है। देवी दुर्गा ने आश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसलिए इन नौ दिनों को शक्ति आराधना के लिए समर्पित कर दिया गया, चूंकि आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।


नवरात्रि मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण है दैविक शक्तियोंका रात्रिमें अधिक सक्रिय होना क्योंकि दिनमें सूर्यकी किरणे दैविक तरंगोको छिन्न-भिन्न कर देती है | हमारे ऋषि-मुनियोंने वर्षमें दों बार विशेषरूप सें नवरात्रिका पर्व मनाने का विधान बताया है | सर्वप्रथम विक्रम सवंत के प्रारम्भ के दिनसें नवमी तक नवरात्र निश्चित किये गए है और दूसरा ठीक छह मास बाद शारदीय नवरात्र हरद्रष्टिसें अधिक महत्त्वपूर्ण व फलदायी माने गए है | इसका कारण है, सौरमंडलमें पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति | इन दिनों सूर्य सें प्रक्षेपित तरंगे कोमल होती है और सात्विक तरंगोंको अधिक छिन्न-भिन्न नहीं कर पाती |


यहाँ ध्यान देने योग्य यह बात है कि, दोनों नवरात्र ऋतुओके संधिकालमें आती है | ज़ब एक ऋतुमें सें दूसरी ऋतुमें परिवर्तन होता है, तब नवरात्रि आती है | इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि, इस ऋतु परिवर्तनके दौरान आकाशमंडलमें ग्रहोकी स्थिति और वातावरण दोनों मनुष्यके आध्यात्मिक विकासके लिये उपयुक्त होते है | ऋतु परिवर्तनके कारण मनुष्यके शरीरकी रासायनिक रचनामें परिवर्तन होता है | इसलिए इन नौ-दिनोंमें व्रत-उपवास करना लाभकारी है क्योंकि व्रत करनेसें हमारे शरीरमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है; जो हमारे स्थूल और सूक्ष्म दोनों शरीर पर प्रभाव डालती है | यही नवरात्रका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य है |


हरेक हिन्दूको नवरात्रिमें अनुष्ठान, व्रत, उपवास करके पूरी निष्ठासें अपने इष्टदेवकी उपासना अवश्य करनी चाहिये क्योंकि नवरात्रि भक्ति करने की रात्रि है, शक्ति की उपासना करनेकी रात्रि है और मुक्तिके द्वार तक पहुंचनेकी रात्रि है |

Author : Shree Ramkathakar – PunitBapu Hariyani

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